Millet in Hindi-Bajra
मिलेट को हिन्दी (Millets in Hindi) में एक प्रकार का बाजरा या छोटे बीज वाली घासों का समूह कहा जाता है। यह Poaceae से संबंधित घास परिवार का अनाज है। ये प्राकृतिक gluten-free अनाज है।दुनिया भर में इन फसलों को मानव भोजन के साथ-साथ पशुओं के चारे के लिए उपयोग किया जाता है।
गर्म मौसम वाले अनाज हाने के कारण मिल्ट्स कम पानी या बरसाती पानी में उगया जाता है।
बाजरा का इतिहास (Millet History in India-World)
पिछले कुछ वर्षो में स्वास्य क्रांति के कारण लागों में भोजन और पोषक तत्व के बारे में जानने की जिज्ञासा बढी है। यही कारण है कि पोषक तत्व वाले भोजन की मांग भरपूर मात्रा में आने लगी है। इसमें काई आश्चर्य नहीं की स्वस्थ्य लाभ में मिल्ट्स (बाजरा) सवसे महत्पूर्ण स्थान पर है।
लगभग 7000 वर्ष पूर्व में मिल्ट्स अनाज ने कृषि समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । दुनिया भर में मिल्ट्स की 6000 से ज्यादा किस्में तैयार होती है।
दुनिया के एक तिहाई हिस्से में मुख्य रूप से अर्ध-उष्णकटिबंधिय क्षेत्र एशिया, अफ्रिका एवं पूर्वी यूरोप में मिल्ट्स की खेती की जाती है और मुख्य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। लगभग 97 प्रतिशत मिल्ट्स की खेती शुष्क एवं उच्च तापमान वाले इन क्षेत्रों में होती है।
कई हिस्सों में स्वदेशी अनाज है। व्यापार रूप से मोती बाजरा महत्वपूर्ण फसल है। रागी Ragi (Finger Millet), ज्वार Jowar (Sorghum), प्रोजो (Proso millet), फोक्स मिल्ट्स (Foxtail millet), लीटेल मिल्ट्स (Little Millet) महत्वपूर्ण फसल प्रजातियां है।
आज पूरा विश्व तकनीकी और मेडिकल के क्षेत्र में प्रगतिशिल है। प्रगति के साथ-साथ लागों ने अपने खाने-पिने की चिजों में बोहत बदलाव किये है, जिसका नतिजा है कि आज हम सिर्फ पेट भरने के लिए भोजन कर रहे है।
जब भी अनाज की बात आती है तो सिर्फ गेहू, चावल और मेदे की बनी वस्तुओं का ही नाम आता है। मिलेट (बाजरा) को आमतोर पर पक्षियों और जानवारों को खिलाने के लिए उपयोग लिया जाता है।
भोजन में कितना पोषक तत्व है उनकी जानकारी हमें नहीं होने के कारण बोहत सी लाईफ स्टाईल बिमारियां हमारे शरीर में उत्पन्न होने लगी है। जैस डाईबिटिज, थाईराइड, बीपी, मोटापा आदि।
जब इस सुपरफूड्स के पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ के बारे में लागों को जानकारियों मिली है तब से मिलेट भोजन की मुख्य धारा में फिर से आना शुरू हुआ है। ये प्राकृतिक हसनजमद.तिमम अनाज होने से विश्व भर के बाजारों में मिलेट की मांग तेजी से बढ़ी है।
पोषण विशेषज्ञ तपस्या मूंदड़ा और डाॅ खादर वली के अनुसार भारत में 10 में से 7 लोग भोजन में पोषण की कमी से मधुमेह ( टाईप-2 डाईबिटिज ) से प्रभावित है।
वास्तव में भारत को दुनिया के दूसरी मधूमेह की राजधानी कहा जाता है। जिसके कारण दवाईयों पर बोहत ज्यादा पैसा खर्च होता है।
टेबलेट और इंसुलिन इंजेक्शन लेने से साइड इफेक्ट्स होने का खतरा भी बढ जाता है जिसमें गैंग्रीन , किडनी फेलियर, रेटिनोपैथी और न्यूरोपैथी मुख्य है।
भारत के कई हिस्सों में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में मिलेट का उपयोग किया जाता है। इनमें कम पानी की आवश्यकता होती है जिससे ये अनाज वर्षो तक संग्रहीत रह सकते है।
प्राकृतिक रूप से मिल्ट्स में फाईबर की प्रचूर मात्रा है, मैग्नीशियम, फाॅस्फोरस, जिंक, आइरन, कैल्शियम, जस्ता और पोटेशियम जैसे खनिज भरपूर पाये जाते है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक पोषक तत्व है।
प्रत्येक बाजरा प्रोटिन, खनिज, विटामिन और स्टार्च के संदर्भ में चावल और गेहूं से तीन के पांच गुना अधिक पोषक तत्व होते है। विशिष्ट स्वाद होने से किसी भी भोजन के स्वाद को बढा सकता है।
बढती उम्र के बच्चों और वयस्कों के दैनिक आहार में मिल्ट्स फायदेमंद हो सकता है।
रागी, ज्वार, बाजारा, प्रोजो (Proso millet), फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail millet) और लीटेल मिलेट (Little millet) विभिन्न प्रकार के स्नैक्स और व्यंजन तैयार करने में उपयोग किए जाते है।
दैनिक आहार में फाइबर-लेस भोजन को त्यागकर, फाईबर की प्रचूर मात्रा वाले मिल्ट्स शामिल करने से सभी आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति से स्वास्थ्य में सुधार होने से बीमारियों को दूर रखा जा सकता हैै।
दुनिया भर में मिलेट की 6000 से ज्यादा किस्में तैयार होती है। हम यहां सबसे अधिक खेती की जाने बाजरे के प्रकार की बात करेंगे।
मोती बाजरा Pearl Millet | Bajra | Kambu | Sajje | Sajjalu | Kambam
Pearl Millet in Hindi–Bajra इस मिलेट का दाना माती जैसा होता है इसलिए इसे मोती बाजरा कहा जाता है। भारत में सबसे अधिक खेती किया जाने वाला पर्ल मिल्ट्स है। मोती बाजरा आयरन, प्रोटिन, फाईबर और खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्निशियम, फाॅस्फोरस का एक सम्रद्व श्रोत है।
शरीर की कोशिकाओं की संरचना और स्वास्थ्य लाभ के लिए पर्ल बाजरा लाभदायक है। दैनिक आहार में उपयोग करने से टाईप-2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है।
ज्वार Sorghum | Jowar | Cholam | Jola | Jonna | Cholam
Sorghum in Hindi - Jowar सोरघम प्राचीन अनाज में से एक है, भारत में आमतोर पर सोरघम को ज्वार के नाम से जाना जाता है। सोरघम में प्रयाप्त मात्रा में प्रोटिन, फाईबर और खनिज जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, फाॅस्फोरस और आयरन पाया जाता है।
उच्च पोषण मूल्य होने के साथ सोरघम कोलेस्ट्रोल स्तर को कम करने में भी सहायक है क्योकि ज्वार में पोलीकोसानोल्स नामक एक घटक होता है।
रागी Finger Millet | Nachani/Mudua | Kezhvaragu | Ragi | Ragula | Panji Pulla
Finger Millet (Ragi) रागी चमत्कारी बाजरा है। विशेष रूप से दक्षिणी भारत और पूर्वी अफ्रिका (इथोपिया) के क्षेत्रों में इसे गेहूं और चावल के स्वास्थ विकल्प में प्रयोग किया जाता है। रागी प्रोटीन, अमीनो एसिड और कैल्शियम से भरपूर होता है और इसमें आयरन व अन्य खनिजों की भी मात्रा अधिक होती है।
ये प्राकृतिक gluten-free बाजरा होने से बच्चों के मानसिक और शरीरिक विकास के लिए अच्छा है।
कांगनी Foxtail Millet | Kangni/Rala | Thinai | Navane | Korra | Thina
फाॅक्सटेल मिल्ट्स को हिन्दी भोषा में कांगनी कहते है। कांगनी सूजी और चावल के आटे के रूप में लोकप्रिय है। इसकी खेती मध्य चीन में ज्यादा की जाती है।
यह बाजरा कीट-मुक्त होता है और इसे चने जैसी दालों को स्टोर करने के लिए एंटी पेस्ट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
फाॅक्सटेल मिल्ट्स में भी पोषक तत्व से भरपूर है। फाॅक्सटेल बाजरा में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रोल लेवल को नियंत्रित करने और एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते है।
कुटकी Little Millet | Kutki | Saamai | Saame | Sama | Chama
लिटिल मिलेट (पैनिकम मिलियरे) को हिन्दी में कुटकी कहते है। मुख्यतः भारत में यह बाजरा उगया जाता है। कुटकी, प्रोजो बाजरा की फेमिली से आता है पर इसका बीज प्रोजा के मुकाबले छोटा होता है।
विटामिन-बी के साथ आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे खनिज की पोषकता अधिक मात्रा में पायी जाती है।
लिटिल मिलेट मधुमेह रोगियों के लिए आर्दश भोजन है। यह रक्त शर्करा के स्तर में असामान्य स्पाइक को रोकता है। लो कैलोरी होने से वनज घटाने में भी मदद करता है।
सांवा Barnyard Millet | Sanwa | Kuthiravali | Oodalu | Odalu | Kavadapulla
बार्नयार्ड बाजरा (Echinochloa frumantacea) एक जंगली बीज है और मुख्यतः उतरांचल के पहाड़ी इलाकों में उगया जाता है। बार्नयार्ड बाजरा सबसे तेजी से बढ़ने वाली फसल है।
यह मात्र बुहाई के 45 दिनों में ही पक्के हुए अनाज का उत्पादन कर सकती है।
बार्नयार्ड लो कैलोरी भोजन के साथ प्रोटीन, फाईबर, आयरन से भरपूर है। सांवा की कार्बोहाइड्रेट सामग्री कम और धीरे-धीरे पचने योग्य होती है जिससे यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन बनता है।
सभी मिल्ट्स की तरह यह बाजरा भी हसनजमद.तिमम है।
प्रोजो बाजरा Proso millet | Chena | Variga | Baragu | Pani Varagu
Proso (Panicum Miliaceum) in Hindi - प्रोजो बाजरा को ब्रूमकाॅर्न बाजरा और हिन्दी में चेना कहते है। इसकी खेती आमतौर पर एशिया, पूर्वी अफ्रिका, दक्षिणी यूरोप ओर संयुक्त राज्य अमेरिका के क्षेत्रों में की जाती है। यह फसल 60 से 100 दिनों के अन्दर पककर तैयार हो जाती है।
यह मानव उपभोग, पक्षी के बीज और इथेनाॅल उत्पादन के लिए उपयोग किया जाने वाला अत्यधिक पोषण युक्त बाजरा है।
प्रोजो मिल्ट्स फाइबर, पाॅलीफेनोल, विटामिन और प्रोटिन में समृद्व है और gluten-free है। यह बाजरा उच्च लेसितिण होने के कारण तंत्रिका स्वस्थ्य प्रणाली का भी समर्थन करता है।
सारांश The bottom line
बाजरा वास्तव में चमत्कारी अनाज है। ये बाजरा कम सिंचाई, कम पानी वाली जगह में भी उगाया जा सकता है। मिलेट प्रोटिन, फाइबर, मिनरल, खनिजो से भरपूर होता है।
बदलते खान-पान एवं घटती पोषकता के परिणाम स्वस्प जीवनशैली से जुड़ी बिमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि को रोकने के लिए आर्दश अनाज है। गेहू और चावल की तुलना में मिलेट प्राकृतिक gluten-free अनाज है और अधिक स्वस्थ्यवर्धक होता है।
बाजरा के पोषण एवं स्वास्थ्य लाभ
(Nutritional and Health Benefits of Millets)
आज पूरा विश्व तकनीकी और मेडिकल के क्षेत्र में प्रगतिशिल है। प्रगति के साथ-साथ लागों ने अपने खाने-पिने की चिजों में बोहत बदलाव किये है, जिसका नतिजा है कि आज हम सिर्फ पेट भरने के लिए भोजन कर रहे है।
जब भी अनाज की बात आती है तो सिर्फ गेहू, चावल और मेदे की बनी वस्तुओं का ही नाम आता है। मिलेट (बाजरा) को आमतोर पर पक्षियों और जानवारों को खिलाने के लिए उपयोग लिया जाता है।
भोजन में कितना पोषक तत्व है उनकी जानकारी हमें नहीं होने के कारण बोहत सी लाईफ स्टाईल बिमारियां हमारे शरीर में उत्पन्न होने लगी है। जैस डाईबिटिज, थाईराइड, बीपी, मोटापा आदि।
जब इस सुपरफूड्स के पोषक तत्व और स्वास्थ्य लाभ के बारे में लागों को जानकारियों मिली है तब से मिलेट भोजन की मुख्य धारा में फिर से आना शुरू हुआ है। ये प्राकृतिक हसनजमद.तिमम अनाज होने से विश्व भर के बाजारों में मिलेट की मांग तेजी से बढ़ी है।
पोषण विशेषज्ञ तपस्या मूंदड़ा और डाॅ खादर वली के अनुसार भारत में 10 में से 7 लोग भोजन में पोषण की कमी से मधुमेह ( टाईप-2 डाईबिटिज ) से प्रभावित है।
वास्तव में भारत को दुनिया के दूसरी मधूमेह की राजधानी कहा जाता है। जिसके कारण दवाईयों पर बोहत ज्यादा पैसा खर्च होता है।
टेबलेट और इंसुलिन इंजेक्शन लेने से साइड इफेक्ट्स होने का खतरा भी बढ जाता है जिसमें गैंग्रीन , किडनी फेलियर, रेटिनोपैथी और न्यूरोपैथी मुख्य है।
भारत के कई हिस्सों में विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में मिलेट का उपयोग किया जाता है। इनमें कम पानी की आवश्यकता होती है जिससे ये अनाज वर्षो तक संग्रहीत रह सकते है।
प्राकृतिक रूप से मिल्ट्स में फाईबर की प्रचूर मात्रा है, मैग्नीशियम, फाॅस्फोरस, जिंक, आइरन, कैल्शियम, जस्ता और पोटेशियम जैसे खनिज भरपूर पाये जाते है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक पोषक तत्व है।
प्रत्येक बाजरा प्रोटिन, खनिज, विटामिन और स्टार्च के संदर्भ में चावल और गेहूं से तीन के पांच गुना अधिक पोषक तत्व होते है। विशिष्ट स्वाद होने से किसी भी भोजन के स्वाद को बढा सकता है।
बढती उम्र के बच्चों और वयस्कों के दैनिक आहार में मिल्ट्स फायदेमंद हो सकता है।
रागी, ज्वार, बाजारा, प्रोजो (Proso millet), फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail millet) और लीटेल मिलेट (Little millet) विभिन्न प्रकार के स्नैक्स और व्यंजन तैयार करने में उपयोग किए जाते है।
दैनिक आहार में फाइबर-लेस भोजन को त्यागकर, फाईबर की प्रचूर मात्रा वाले मिल्ट्स शामिल करने से सभी आवश्यक पोषक तत्व की पूर्ति से स्वास्थ्य में सुधार होने से बीमारियों को दूर रखा जा सकता हैै।
बाजरा के प्रकार
(Types of Millets in Hindi)
दुनिया भर में मिलेट की 6000 से ज्यादा किस्में तैयार होती है। हम यहां सबसे अधिक खेती की जाने बाजरे के प्रकार की बात करेंगे।
मोती बाजरा Pearl Millet | Bajra | Kambu | Sajje | Sajjalu | Kambam
Pearl Millet in Hindi–Bajra इस मिलेट का दाना माती जैसा होता है इसलिए इसे मोती बाजरा कहा जाता है। भारत में सबसे अधिक खेती किया जाने वाला पर्ल मिल्ट्स है। मोती बाजरा आयरन, प्रोटिन, फाईबर और खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्निशियम, फाॅस्फोरस का एक सम्रद्व श्रोत है।
शरीर की कोशिकाओं की संरचना और स्वास्थ्य लाभ के लिए पर्ल बाजरा लाभदायक है। दैनिक आहार में उपयोग करने से टाईप-2 मधुमेह के जोखिम को कम करता है।
ज्वार Sorghum | Jowar | Cholam | Jola | Jonna | Cholam
Sorghum in Hindi - Jowar सोरघम प्राचीन अनाज में से एक है, भारत में आमतोर पर सोरघम को ज्वार के नाम से जाना जाता है। सोरघम में प्रयाप्त मात्रा में प्रोटिन, फाईबर और खनिज जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, फाॅस्फोरस और आयरन पाया जाता है।
उच्च पोषण मूल्य होने के साथ सोरघम कोलेस्ट्रोल स्तर को कम करने में भी सहायक है क्योकि ज्वार में पोलीकोसानोल्स नामक एक घटक होता है।
रागी Finger Millet | Nachani/Mudua | Kezhvaragu | Ragi | Ragula | Panji Pulla
Finger Millet (Ragi) रागी चमत्कारी बाजरा है। विशेष रूप से दक्षिणी भारत और पूर्वी अफ्रिका (इथोपिया) के क्षेत्रों में इसे गेहूं और चावल के स्वास्थ विकल्प में प्रयोग किया जाता है। रागी प्रोटीन, अमीनो एसिड और कैल्शियम से भरपूर होता है और इसमें आयरन व अन्य खनिजों की भी मात्रा अधिक होती है।
ये प्राकृतिक gluten-free बाजरा होने से बच्चों के मानसिक और शरीरिक विकास के लिए अच्छा है।
कांगनी Foxtail Millet | Kangni/Rala | Thinai | Navane | Korra | Thina
फाॅक्सटेल मिल्ट्स को हिन्दी भोषा में कांगनी कहते है। कांगनी सूजी और चावल के आटे के रूप में लोकप्रिय है। इसकी खेती मध्य चीन में ज्यादा की जाती है।
यह बाजरा कीट-मुक्त होता है और इसे चने जैसी दालों को स्टोर करने के लिए एंटी पेस्ट के रूप में प्रयोग किया जाता है।
फाॅक्सटेल मिल्ट्स में भी पोषक तत्व से भरपूर है। फाॅक्सटेल बाजरा में रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रोल लेवल को नियंत्रित करने और एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाते है।
कुटकी Little Millet | Kutki | Saamai | Saame | Sama | Chama
लिटिल मिलेट (पैनिकम मिलियरे) को हिन्दी में कुटकी कहते है। मुख्यतः भारत में यह बाजरा उगया जाता है। कुटकी, प्रोजो बाजरा की फेमिली से आता है पर इसका बीज प्रोजा के मुकाबले छोटा होता है।
विटामिन-बी के साथ आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम जैसे खनिज की पोषकता अधिक मात्रा में पायी जाती है।
लिटिल मिलेट मधुमेह रोगियों के लिए आर्दश भोजन है। यह रक्त शर्करा के स्तर में असामान्य स्पाइक को रोकता है। लो कैलोरी होने से वनज घटाने में भी मदद करता है।
सांवा Barnyard Millet | Sanwa | Kuthiravali | Oodalu | Odalu | Kavadapulla
बार्नयार्ड बाजरा (Echinochloa frumantacea) एक जंगली बीज है और मुख्यतः उतरांचल के पहाड़ी इलाकों में उगया जाता है। बार्नयार्ड बाजरा सबसे तेजी से बढ़ने वाली फसल है।
यह मात्र बुहाई के 45 दिनों में ही पक्के हुए अनाज का उत्पादन कर सकती है।
बार्नयार्ड लो कैलोरी भोजन के साथ प्रोटीन, फाईबर, आयरन से भरपूर है। सांवा की कार्बोहाइड्रेट सामग्री कम और धीरे-धीरे पचने योग्य होती है जिससे यह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन बनता है।
सभी मिल्ट्स की तरह यह बाजरा भी हसनजमद.तिमम है।
प्रोजो बाजरा Proso millet | Chena | Variga | Baragu | Pani Varagu
Proso (Panicum Miliaceum) in Hindi - प्रोजो बाजरा को ब्रूमकाॅर्न बाजरा और हिन्दी में चेना कहते है। इसकी खेती आमतौर पर एशिया, पूर्वी अफ्रिका, दक्षिणी यूरोप ओर संयुक्त राज्य अमेरिका के क्षेत्रों में की जाती है। यह फसल 60 से 100 दिनों के अन्दर पककर तैयार हो जाती है।
यह मानव उपभोग, पक्षी के बीज और इथेनाॅल उत्पादन के लिए उपयोग किया जाने वाला अत्यधिक पोषण युक्त बाजरा है।
प्रोजो मिल्ट्स फाइबर, पाॅलीफेनोल, विटामिन और प्रोटिन में समृद्व है और gluten-free है। यह बाजरा उच्च लेसितिण होने के कारण तंत्रिका स्वस्थ्य प्रणाली का भी समर्थन करता है।
सारांश The bottom line
बाजरा वास्तव में चमत्कारी अनाज है। ये बाजरा कम सिंचाई, कम पानी वाली जगह में भी उगाया जा सकता है। मिलेट प्रोटिन, फाइबर, मिनरल, खनिजो से भरपूर होता है।
बदलते खान-पान एवं घटती पोषकता के परिणाम स्वस्प जीवनशैली से जुड़ी बिमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि को रोकने के लिए आर्दश अनाज है। गेहू और चावल की तुलना में मिलेट प्राकृतिक gluten-free अनाज है और अधिक स्वस्थ्यवर्धक होता है।
March 06, 2020
Tags :
MilletinHindiBajra
Subscribe by Email
Follow Updates Articles from This Blog via Email
No Comments